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Nation & Narrative: India's Culture And Constitutional Growth : Sanskriti Ka Pravah + Arthik Vikas Aur Sansadiya Loktantrik Pranali | Indian Culture | Parliamentary Democracy | Economic Development India | Indian Politics | Governance & Policy | Cultural Studies India | Public Administration | Democ | Zipri.in
Nation & Narrative: India's Culture And Constitutional Growth : Sanskriti Ka Pravah + Arthik Vikas Aur Sansadiya Loktantrik Pranali | Indian Culture | Parliamentary Democracy | Economic Development India | Indian Politics | Governance & Policy | Cultural Studies India | Public Administration | Democ

Nation & Narrative: India's Culture And Constitutional Growth : Sanskriti Ka Pravah + Arthik Vikas Aur Sansadiya Loktantrik Pranali | Indian Culture | Parliamentary Democracy | Economic Development India | Indian Politics | Governance & Policy | Cultural Studies India | Public Administration | Democ

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Nation & Narrative: India's Culture and Constitutional Growth दो विचारोत्तेजक पुस्तकों का संग्रह है जो भारत के सांस्कृतिक मूल्यों और लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के विकास को समर्पित है। यह संग्रह उन पाठकों के लिए है जो भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और संसदीय परिवेश को गहराई से समझना चाहते हैं।Book 1: संस्कृत‍ि का प्रवाह - लेखक: राकेश सिन्हा | ISBN: 9789355627773‘संस्कृत‍ि का प्रवाह’ में प्रख्यात विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भारतीय संस्कृति की निरंतरता और जीवनशैली पर इसके प्रभाव का विश्लेषण किया है। यह पुस्तक संस्कृति को केवल रीति-रिवाजों तक सीमित न मानकर, इसे एक गतिशील जीवन दर्शन के रूप में प्रस्तुत करती है। लेखक का यह मानना है कि भारत की सांस्कृतिक परंपराएँ समाज को जोड़ने वाली शक्ति हैं जो आधुनिकता के साथ भी सामंजस्य बैठा सकती हैं।इसमें भारतीय दर्शन, परिवार व्यवस्था, सामाजिक संगठन और धर्म की भूमिका जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई है। लेखक ने यह भी दिखाया है कि कैसे संस्कृति हमारी राष्ट्रीय पहचान और सामाजिक संरचना की बुनियाद है। यह पुस्तक छात्र, शोधकर्ता, और भारत की गहराई से समझ रखने वाले पाठकों के लिए एक अमूल्य स्रोत है।Book 2: आर्थिक विकास और संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली - लेखक: नरेंद्र पाठक | ISBN: 9789355629395‘आर्थिक विकास और संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली’ लेखक नरेंद्र पाठक की एक विशेष शोधपरक पुस्तक है जिसमें भारत में आर्थिक नीतियों और संसदीय प्रणाली के परस्पर संबंधों को विस्तार से समझाया गया है। यह पुस्तक दर्शाती है कि कैसे संसदीय लोकतंत्र न केवल राजनीतिक संरचना है, बल्कि आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत मंच भी प्रदान करता है।पुस्तक में भारतीय संसद की भूमिका, विधायी प्रक्रियाएं, नीति निर्माण की प्रक्रिया, और उनके आर्थिक नतीजों पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। लेखक यह तर्क प्रस्तुत करते हैं कि विकास और लोकतंत्र साथ-साथ चलते हैं, और किसी भी प्रभावशाली आर्थिक नीति के लिए पारदर्शिता और भागीदारी आवश्यक होती है। यह पुस्तक उन पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो भारतीय प्रशासन, लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था के गहन अध्ययन में रुचि रखते हैं।Nation & Narrative संग्रह भारत की आत्मा (संस्कृति) और उसकी संरचना (लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था) को समझने के लिए एक संपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह न केवल ज्ञानवर्धक है बल्कि वर्तमान समय के सामाजिक और राजनीतिक विमर्श में उपयोगी संदर्भ सामग्री भी उपलब्ध कराता है।